कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे जागृत देवता हैं जो अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। New The Legend Of Hanuman 2024


The Legend Of Hanuman: कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे जागृत देवता हैं जो अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। उनकी शक्ति के कारण ही उन्हें संकटमोचक नाम दिया गया है। चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म माना गया है। वे 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं और शिव की तरह ही भोले हैं। वह शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। हनुमानजी चिरंजीवी हैं और कलयुग में भी हमारे बीच विद्यमान हैं। उनको अतुलनीय बल बुद्धि के स्वामी के रूप में नमन किया गया है। उनके महा बलशाली होने के संबंध में बाल्यावस्था से जुड़ा एक प्रसंग है।

The Legend Of Hanuman सूरज को निगल लिया

अपनी बाल्यावस्था में एक बार जब हनुमान जी ने भूख की प्रबलता वश भगवान सूर्य को फल मानकर आहार के रूप में ग्रहण कर लिया तो समूचे ब्रह्मांड में अंधकार छा गया। चिंतित देवी देवताओं ने जब उनसे अनुरोध कर भगवान सूर्य को मुक्त करने को कहा, तब हनुमान जी ने सूर्य को अपने मुख से पुनः मुक्त किया था।

इसके बाद हर्षित प्रफुल्लित सभी देवी देवताओं ने आशीर्वाद के साथ अपने अंशात्मक शक्तियां भी प्रदान की। अपनी शक्तियों के साथ सभी देवी देवताओं की अंशात्मक शक्तियां प्राप्त होने से The Legend Of Hanuman हनुमानजी अतुल्य बल बुद्धि के स्वामी हो गए। संसार या सृष्टि का ऐसा कोई कार्य नहीं है जो अंजनी के अनुग्रह से पूर्ण और सफल नहीं होता हो।

महावीर

महावीर की आना करने वाले भक्तों को भूत प्रेत और बाधा आदि का भय भी नहीं सताता है। जो व्यक्ति श्री राम के साथ उनके परम भक्त हनुमान की आराधना में संलग्न रहते हैं। विरोध सुख और दुख। आदि से बचे रहते हैं। संसार के किसी भी संकट से हनुमान The Legend Of Hanuman जी भी हमें उड़ा सकते हैं। हमें उनका ध्यान कर सभी प्रकार के संकट से मुक्ति की प्रार्थना सदैव करनी चाहिए। लेकिन एक बात का हमें ध्यान रखना होगा कि हनुमान जी को श्राप है कि उन्हें अपने शक्ति भान नहीं रहेगा। उन्हें उनकी शक्ति का भान कराना पड़ता है।

हनुमान को ऋषि-मुनियों ने दिया श्राप- The Legend Of Hanuman

इस संबंध में सर्वाधिक प्रचलित प्रसंग के अनुसार बचपन में अपने बचपना के चलते जब उन्होंने ऋषि मुनियों के आश्रम को नुकसान पहुंचाया और उनके धार्मिक अनुष्ठानों में बाधा पहुंचाई तो ऋषि-मुनियों ने उन्हें यह श्राप दे दिया, लेकिन बाद में अपना क्रोध शांत होने पर उन ऋषि-मुनियों ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उन्हें याद दिलाने पर ही अपने बल का। स्मरण होगा।किष्किंधा कांड के प्रसंग के अनुसार लंका जाकर मां सीता की खोज का जब प्रश्न खड़ा हुआ तो जामवंत जी ने हनुमान जी को उनकी शक्तियों का ध्यान कराया था।

हनुमान

The Legend Of Hanuman हनुमान के ऊपर सिंदूर क्यों?

हनुमान जी को प्रसन्न करने का सरल उपाय है कि। उन्हें सिंदूर चढ़ाना । एक बार माता सीता को मांग में सिंदूर भरते देख हनुमान जी ने उनसे इसका कारण पूछा। माता सीता ने उन्हें बताया कि ऐसा करने से श्री राम की उम्र और उनके प्रति प्रेम बड़ता है। हनुमान जी ने सोचा कि अगर पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया जाए तो इससे श्री राम की उम्र उनके प्रति प्रेम अधिक बढ़ जाएगा।

फिर क्या था हनुमान जी ने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर श्री राम के पास पहुंचे।श्री राम और जानकी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जो कोई व्यक्ति उन्हें The Legend Of Hanuman को सिंदूर चढ़ाएगा, उसके सभी दुःख शीघ्र समाप्त हो जाएंगे और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।

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