Icc New Rule For Slow Over Rate, गेंदबाज के लिए के लिए बना सर दर्द, ओवर डालने में ज्यादा समय लिया तो लगेगी पेनल्टी

Icc New Rule For Slow Over Rate: वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद आईसीसी ने एक बड़ा कदम उठाया है | (आईसीसी)अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने क्रिकेट में एक नया नियम लागु किया है | इस न्यू रूल के तहत गेंदबाज यदि पहले पहले ओवर के बाद दूसरा ओवर डालने में 1 मिनट से अधिक का समय लगाते हैं, और क्रिया गेदबाज द्वारा 3 से अधिक बार दोहरायी जाती है, तो गेंदबाजी टीम को 5 रनों की पेनल्टी लगेगी।

Icc New Rule For Slow Over Rate

इसमें आईसीसी के नियम एवं शर्तों को ध्यान देने से गेंदबाजी टीम पेनल्टी से बच सकती है | उनके द्वारा बताया गया कि, पहले ओवर के बाद गेंदबाज द्वारा 1 मिनट की देरी होती है | और यह देरी तीन बार दोहराई जाती है, तो फिर उस टीम पर Icc New Rule For Slow Over Rate नियम के तहत पेनल्टी लगेगी। चलिए इस नियम को विस्तार से पढ़ते हैं।

Icc New Rule For Slow Over Rate, क्यों लगा यह नियम 

आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किया है | यह बदलाव गेंदबाजी को लेकर किया गया है | जिस वजह से क्रिकेट के खेल में समय को देखते हुए तेजी लाने के लिए किया गया है | खेल के समय अक्सर यह देखा जाता था, कि गेंदबाज द्वारा ओवर समाप्त होने के बाद कप्तान अपने खिलाड़ियों के साथ बातें एवं सलाह आदि करने लगते, जिसके कारण खेल काफी धीमी हो जाता है, खेल निर्धारित समय से अधिक समय तक चलता रहा था | खेल की गति तेज करने के लिए आईसीसी ने यह बदलाव किया है। आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) एक नए रूल के तहत गेदबाजो को बाध्य कर दिया है | अब गेदबाज नये ओवर डालने में 60 सेकंड से अधिक का समय लेते हैं, और क्रिया गेदबाज द्वारा तीन बार से अधिक बार दोहराई जाती है, तो गेंदबाजी टीम को Icc New Rule For Slow Over Rate के तहत पांच रन की पेनल्टी लगेगी। यह नियम वर्तमान में आईसीसी द्वारा T20 फॉर्मेट और वनडे के मैचो में लगाया जाएगा | परंतु आईसीसी द्वारा यह नियम केवल पुरुष क्रिकेट के लिए होगा | महिला क्रिकेट के लिए इसके बारे में चर्चा नहीं हुई।

    Slow Over Rate

आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) ने कहा कि, यह नियम कुछ समय के लिए ट्रायल हेतु क्रिकेट में लगाया जाएगा | तत्पश्चा इस नियम के लागू होने से इंटरनेशनल खेल में कितना प्रभाव एवं लाभ देखने को मिलता है | इन सब बातों को देखकर इस नियम को स्थाई रूप से लगाया जा सकता है | फिलहाल यह नियम ट्रायल हेतु अस्थाई तौर पर लगाया जाएगा।

वनडे विश्व कप 2023 के बाद आईसीसी ने एक बैठक बुलाई जिस बैठक में विभिन्न प्रकार के नियमों पर चर्चाएं हुई | जिसमें आईसीसी Icc New Rule For Slow Over Rate पर चर्चा करते हुए इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया | आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) द्वारा निर्देश दिया गया कि, किसी भी गेंदबाज द्वारा, गेदबाज को गेंद मिलने पर वह 60 सेकंड से ज्यादा का समय नहीं ले सकते हैं। यदि 60 सेकंड का समय लगा और यह समय तीन बार से अधिक बार लगने पर, गेंदबाजी वाली टीम को पेनल्टी के तौर पर पांच रन देना पड़ेगा ।

इस नियम को लागू करवाने के लिए (आईसीसी) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने मैच के दौरान अंपायर्स को स्टॉप वॉच यानी स्टाप क्लॉक देने का निर्णय लिया है | यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि, खेल के दौरान लगने वाला समय कम हो सके, और खेल कम समय में खत्म हो सके। आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने वनडे पुरुष वर्ग क्रिकेट में 2023 दिसंबर से लेकर 2024 अप्रैल तक होने वाले क्रिकेट में स्टॉपवॉच यानी स्टाप क्लॉक अंपायर्स को देने का निर्णय लिया है। स्टॉप वाच का प्रयोग गेंदबाजों द्वारा ओवरों के बीच लगने वाले समय को घटाने के लिए किया जाएगा | ताकि खेल का दर्शक कम समय में लुफ्त उठा सकें।

क्रिकेट के मैदान में स्टॉप क्लॉक

आपको बता दें कि क्रिकेट के मैदान में गेंदबाजों द्वारा ओवर डालने के बीच स्टाफ क्लॉक का प्रयोग किया जाएगा | गेंदबाज के द्वारा नये ओवर की शुरुआत करने में 60 सेकंड की देरी होती है, और यह देरी मैच के दौरान तीन बार रिपीट होती है तो गेंदबाजी वाली टीम को Icc New Rule For Slow Over Rate के तहत 5 रन पेनल्टी भुगतान करना पड़ेगा | आईसीसी द्वारा यह कमी दूर करने के लिए खेल के दौरान स्टाफ क्लॉक का प्रयोग किया जाएगा | ताकि कोई भी गेंदबाज अपनी ओवर की शुरुआत 60 सेकंड के भीतर कर सके।

क्रिकेट के मैदान में स्टॉप क्लॉक

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी ने अपने एक बयान में कहा कि कोई भी गेंदबाज अपने ओवर की शुरुआत 60 सेकंड से ज्यादा का समय लगायेगा और इस प्रक्रिया को कोई भी गेंदबाज तीन बार दोहराता है तो अंपायर्स द्वारा गेंदबाजी वाली टीम पर पांच रनों की पेनल्टी ठोकी जाएगी | आईसीसी द्वारा बताया गया कि, यह नियम इसलिए लागू किया जा रहा है, ताकि क्रिकेट खेल में कम से कम समय लग सके |

पिच पर प्रतिबंध प्रक्रिया में भी बदलाव

पिच पर प्रतिबंध प्रक्रिया में भी बदलाव

आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने क्रिकेट खेल में पिच पर प्रतिबंध लगाने वाली प्रक्रिया में भी बदलाव किया। आईसीसी द्वारा बयान में कहां गया कि, पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलाव की अवश्यता थी, जो अब कर दी गई । उन्होंने कहा कि आउटफील्ड निगरानी नियमों को भी अब मंजूरी दे दी गई। पहले के नियम के अनुसार किसी भी पिच आउटफील्ड निगरानी मानदंडो की जांच 5 साल में की जाती थी, जिसमें 5 साल में पीच का मूल्यांकन कर उसे पांच डिमैरिट अंक मिलने पर पिच पर क्रिकेट मैच को प्रतिबंध लगा दिए जाते थे | परंतु नए नियम के तहत 5 साल में 6 डिमैरिट होने पर पीच पर प्रतिबंध लगाया जाएगा | आईसीसी के आदेशानुसार इस नियम में संशोधन कर पीच के लिए एक स्तर बढ़ा दिया गया। अब किसी भी क्रिकेट पीच पर प्रतिबंध तब लगाया जायेगा जब उस पिच को 5 साल बाद 6 डिमैरिट अंक दिए गए हों |

जानें टाइम आउट नियम क्या है

टाइम आउट नियम क्या है

ईसीसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अनुसार 40.1.1 के तहत किसी बल्लेबाज के आउट होने के बाद दूसरे बल्लेबाज को 2 मिनट के भीतर पीच पर गेंद खेलने के लिए तैयार रहने चाहिए | इस रूल को फालो नहीं करने पर बल्लेबाज टाइम आउट के दायरे में आ जाते हैं | हालांकि यह नियम कुछ क्रिकेट क्लब में तीन मिनट है | जैस मेरिलबोन क्रिकेट क्लब नियम के तहत टाइम आउट मिनट 3 मिनट रखा गया है | आपको बता दें कि टाइम आउट के दौरान फेंकी गई गेद में विकेट मिलने पर कोई विकेट नहीं दिया जाता एवं नाही ओवर में गेद को जोड़ी जाती है |

आईसीसी के अन्य फैसले

आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद) द्वारा किए गए बैठक में कई अहम फैसले लिए गए | जिसमें से एक फैसला श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड निनेबल के बारे में था | जिसमें आईसीसी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड निलंबन होने के बावजूद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकती है, परंतु मेजबानी किसी भी लीग की नहीं कर सकती | जिसके आधार पर आईसीसी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 श्रीलंका की मेजबानी से छीनकर साउथ अफ्रीका को दे दिया है | अब 2024 अंदर-19 वर्ल्ड कप का मेजबान देश साउथ अफ्रीका होगा |

आईसीसी

आईसीसी द्वारा एक अहम एवं जरूरी निर्णय लिया गया कि यदि कोई बच्चा पुरुष के रूप में बड़ा हुआ है, और किशोरावस्था से बड़े होने तक उसके शरीर में बदलाव एक पुरुष के समान हैं, और उसका जेंडर भी मेल यानी पुरुष है, तो बड़े होने के बाद यदि वह अपना लिंग परिवर्तन करता है, तो भी वह महिला क्रिकेट में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि, उसके शरीर की बुनियादी बनावट पुरुष की है |

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