‘नकली सूरज’ बनाने के करीब पहुचे वैज्ञानिक, Nuclear Fusion Tokamak Energy 2024.

Nuclear Fusion Tokamak Energy: वर्तमान समय में दुनिया भर के सभी देश और वैज्ञानिक अनंत ऊर्जा के स्रोत को खोजने के लिए अरबो डॉलर खर्च कर रहे हैं | लेकिन कोई भी वैज्ञानिक अनंत ऊर्जा के स्रोत का पता नहीं लगा पा रहे हैं। आपको बता दें कि अमेरिका, चीन और रूस जैसे बड़े देशों के वैज्ञानिक, अनंत ऊर्जा के स्रोत पर बड़े-बड़े शोध केंद्र स्थापित कर रहे हैं |

Nuclear Fusion Tokamak Energy

लेकिन उन वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में ज्यादा कामयाबी हासिल नहीं हुई है। गुरुवार को जाने-माने ब्रिटिश वैज्ञानिक और इंजीनियर ने परमाणु संलयन ऊर्जा Nuclear Fusion Tokamak Energy के जरिए ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत तैयार किया है। यह देखकर सभी देशों के वैज्ञानिक दंग रह गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रक्रिया से स्वच्छ और अनंत ऊर्जा प्राप्त करने में मदद मिलेगी | क्योंकि यह वैज्ञानिकों द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है।

Nuclear Fusion Tokamak Energy के सफलता के परिणामस्वरूप, लगभग 12000 घरों को इस उत्पन्न स्वच्छ ऊर्जा से बिजली मिल सकेगी। आपको बता दें कि परमाणु संलयन ठीक उसी तरह काम करता है, जैसे हमारा सूर्य करता है। बहुत से वैज्ञानिक इस प्रयोग को नकली सूरज बनाने की कोशिश भी बता रहे हैं |

Nuclear Fusion Tokamak Energy

Nuclear Fusion Tokamak Energy

सीएनएन के मुताबिक, यह प्रयोग (Nuclear Fusion Tokamak Energy) डोनट के आकार की एक बड़ी मशीन में किया गया, जिसे जॉइंट यूरोपियन टोरस या टोकामक के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रयोग से वैज्ञानिकों ने मात्र 0.2 मिलीग्राम ईंधन से मात्र 5 सेकंड में 69 मेगाजूल संलयन-आधारित ऊर्जा उत्पन्न की। अगर हम इसे सरल भाषा में कहें तो यह इतनी ऊर्जा है कि यह समान अवधि के लिए लगभग 12000 घरों को बिजली देने के लिए पर्याप्त है। परमाणु संलयन बिल्कुल वही प्रक्रिया है जो सूर्य और अन्य तारों में देखी जाती है। नाभिकीय संलयन द्वारा हाइड्रोजन का हीलियम में रूपांतरण नाभिकीय संलयन कहलाता है। वैज्ञानिकों ने इसे स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत भी माना है।

दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने सूर्य के समान ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अपने अनुसंधान केंद्रों Nuclear Fusion Tokamak Energy में जटिल प्रयोग किए हैं। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो परमाणु संलयन हमें बहुत कम ईंधन में भारी मात्रा में ऊर्जा प्रदान कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया से जलवायु-वार्मिंग कार्बन का उत्पादन नहीं होगा।

Tokamak मशीन में तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सिय

Tokamak मशीन में तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सिय

वैज्ञानिकों ने इस टोकामक मशीन में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम जैसे छोटे अणु डाले। जिसका उपयोग भविष्य में व्यावसायिक संलयन क्षेत्र में भी किया जा सकता है। सूर्य जैसी ऊर्जा बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने टोकामक मशीन Nuclear Fusion Tokamak Energy में तापमान बढ़ाकर लगभग 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस कर दिया, जो सूर्य के केंद्र की ऊर्जा से 10 गुना अधिक है। यह अत्यधिक गर्मी ड्यूटेरियम और ट्रिटियम को एक साथ मिलकर हीलियम बनाने के लिए मजबूर करती है। जब ये दोनों अणु एक साथ आते हैं और हीलियम में परिवर्तित होते हैं, तो इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है।

यह ऊर्जा भी सूर्य से प्राप्त ऊर्जा के समान है। जब सूर्य में दो हीलियम मिलते हैं और दो हाइड्रोजन मिलकर एक हीलियम बनाते हैं, तो इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक मशीनों के माध्यम से पृथ्वी पर ऊर्जा बनाने का प्रयास करते हैं। टोकामक मशीन में शक्तिशाली चुंबक के कारण प्लाज्मा बंधा रहता है। इसके बाद इस ऊर्जा का उपयोग बिजली पैदा करने में किया जा सकता है |

नाभिकीय संलयन

आपको बता दें कि एक मशीन के लिए ऐसे प्रयोगों की संख्या 40 है | इससे पहले यह मशीन करीब 39 बार फेल हो चुकी थी | प्रयोग को असफल प्रयोग नहीं कहा जाएगा क्योंकि उन प्रयोगों में कुछ वैज्ञानिकों को इस प्रक्रिया में कामयाबी भी मिला, लेकिन प्रयोग संख्या 40 में वैज्ञानिकों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नए फ़्यूज़न प्रोजेक्ट Nuclear Fusion Tokamak Energy के लिए यह अच्छी ख़बर है | इसे देखते हुए फ्रांस में दुनिया की सबसे बड़ी टोकामैक मशीन बनाई जा रही है। ताकि बड़े पैमाने पर ऊर्जा पैदा किया जा सके |

परमाणु संलयन ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। इस ऊर्जा से हम जलवायु संकट से तो लड़ सकते हैं, लेकिन इस ऊर्जा का व्यावसायिक उपयोग करने में हमें कई साल लग सकते हैं।

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