यूपी बनेगा रिन्यूएबल एनर्जी का पावरहाउस, UP Ground Breaking Ceremony 4.0 को लेकर शुरू हुई तैयारियां 2024

UP Ground Breaking Ceremony 4.0: उत्तर प्रदेश में जल्द ही Ground Breaking Ceremony 4.0 का आयोजन किया जाएगा | इसके लिए उत्तर प्रदेश में इस योजना की तैयारी जोर-जोर से की जा रही हैं | इस योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी ने उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए 10 लाख करोड़ के निवेश को धरातल पर उतरने के लिए निर्णय लिया है | इस योजना का शुभारंभ 19 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों द्वारा UP Ground Breaking Ceremony 4.0 का शुभारंभ श्री आदित्यनाथ योगी के देखरेख में किया जाएगा |

UP Ground Breaking Ceremony 4.0

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 न केवल उत्तर प्रदेश को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आगे ले जाएगी बल्कि उत्तर प्रदेश को एक बड़े पैमाने पर ‘पावर सरप्लस स्टेट’ भी प्रदान करेगा इस परियोजना में नवीनीकरण ऊर्जा का मुख्य Ground Breaking Ceremony 4.0 में देखने को मिलेगा | भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में Ground Breaking Ceremony 4.0 के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 67 हजार करोड़ के नए ऊर्जा उत्पादन हेतु प्लांट एवं परियोजनाओं को स्थापित किया जा रहा है |

डीएसपी विद्युत उत्पादन के कारण पंप स्टोरेज परियोजना आपको प्रदेश में टिकाऊ एवं हरित ऊर्जा क्रांति के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगी और साथ ही उत्तर प्रदेश को देश के सभी राज्यों के बीच विद्युत आपूर्तिकर्ता के मामले में अग्रणी स्थान पर रहने का अवसर मिलेगा।

13250 मेगावाट विद्युत उत्पादन-Ground Breaking Ceremony 4.0

13250 मेगावाट विद्युत उत्पादन-Ground Breaking Ceremony 4.0

उत्तर प्रदेश, देश में इतिहास रचने को पूरी तरह से तैयार है | क्योंकि इस राज्य में Ground Breaking Ceremony 4.0 के तहत इस वर्ष कई नई परियोजनाओं को शुरू किओया जा रहा है, जो कि बड़े पैमाने पर है | जिसमें आठ बड़े परियोजनाएं शामिल हैं।

  • ग्रीनको ग्रुप
  • टोरेंट पावर ग्रुप
  • जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड
  • एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस
  • अमुनरा इन्फ्राटेक
  • एग्रीटेक प्रा. लि
  • अवाड़ा वॉटर बैटरी प्राइवेट

ये सभी परियोजनाएँ श्री आदित्यनाथ योगी के कर कमलों द्वारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्ज़ापुर और चंदौली जैसे जिलों में स्थापित की जाएंगी। इन परियोजनाओं की संयुक्त क्षमता 13250 मेगावाट है। आपको बता दें कि इन परियोजनाओं के लिए जल स्रोत सोनभद्र में सोन नदी से लिया जाएगा। मिर्ज़ापुर और चंदौली में जल स्रोत क्रमशः अदवा डैम तथा मूसाखंड डैम से लिया जाएगा।

सोनभद्र नया ऊर्जा केंद्र बनेगा

सोनभद्र नया ऊर्जा केंद्र बनेगा

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का सोनभद्र एक कम जनसंख्या वाला जिला है | जिस जिले में अधिकतम पावर प्लांट जैसे परियोजनाओं का न्यू रखा जाता है | आने वाले भविष्य में सोनभद्र ऊर्जा नवीकरण का केंद्र भी बनेगा। क्योंकि नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र की अधिकतम परियोजनाएं सोनभद्र में ही स्थापित करी जा रही हैं | जिस कारण सोनभद्र आने वाले समय में ऊर्जा का एक केंद्र बन जाएगा सोनभद्र में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल तथा संधारणीय ऊर्जा के अलग-अलग स्रोत माने जाते हैं |

जानकारी के लिए बता दें कि, सोनभद्र में प्रख्यात पंप स्टोरेज परियोजनाओं में सबसे प्रमुख परियोजना ग्रीनको है, जिसका पावर सप्लाई 3600 मेगावाट गुरार संयंत्र है | यह परियोजना सोनभद्र में स्थित सोन नदी पर निर्मित किया जायेगा | जिसके लिए जल की आवश्यकता 43.66 एमसीएम तथा वार्षिक रिकूपिंग के लिए 27.629 एमसीएम जल की आवश्यकता होगी। इस परियोजना के तहत स्थित उसके आसपास जगह को जैसे गुजर  गुरार, गारवा, पिंडारी, रानीदेव, मुहुना तथा बैजनाथ जैसे ओबरा तहसील के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की इस परियोजना के कारण काया पलट हो सकती है |

उत्तर प्रदेश सीएसआर गतिविधियां भी होंगी संचालित

उत्तर प्रदेश सीएसआर गतिविधियां भी होंगी संचालित

टोरेंट पावर में सोन नदी पर 1750 में मेगा वाट की क्षमता वाला पंप स्टोरेज संयंत्र स्थापित किया जाएगा | आपको बता दें कि सोनभद्र जनपद में Ground Breaking Ceremony 4.0 के तहत स्थापित इस परियोजना एक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूलित परियोजना है, जिसके वजह से पर्यावरण और अन्य हानिकारक कारकों से किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचेगा | यह परियोजना इतनी अनुकूलित है कि, इसके द्वारा रिवाइंड इकोसिस्टम को न ही परिवर्तित करती है, और ना ही किसी भी प्रकार की नुकसान पहुंचाती है | साथ ही इन परियोजनाओं की लागत की बात करें तो, यह परियोजनाएं बहुत ही कम लागत में स्थापित की जा रही हैं | और साथ ही स्टोरेज की लागत भी कम है

क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज परियोजना की बात करें तो, यह परियोजना सस्ती सुलभ पूर्णता नवीकरण ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम है | टोरेंट जैसी बिजली परियोजनाओं का क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है और आसपास का क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियां संचालित करने का भी संकल्प लिया गया है।

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